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बहुत बोले! करके दिखावो तो जानें!!

ग़ाफ़िल की कलम से
ग़ाफ़िल की कलम से
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जिस देश में मेहनत और ईमानदारी से किए गये कार्यों के पारिश्रमिक की भी प्राप्ति हेतु आवश्यक रूप से घूस देना पड़ता हो तो उस देश का भविष्य क्या हो सकता है? आप सभी अनुमान कर सकते हैं कि विद्यालयीय कार्मिकों की कोई भी ऐसी कमाई नहीं होती जिसे आमतौर पर ऊपरी कमाई कहा जाता है। अब उसे भी यदि अपना वेतन भुगतान कराने के लिए घूस देना पड़े तो उसकी हालत क्या होगी? आप सोच रहे होंगे कि मैं यह क्या मामला उठा बैठा? तो साहब बता दूं कि वह दुर्भाग्यशाली कर्मी मैं ही हूँ। हम लोगों का वेतन क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक कार्यालय, लखनऊ से पास होता है। वहां का एक बाबू, जो हमारे विद्यालय को डील करता है, की नज़ाक़त यह कि बगै़र पैसा लिए वह आपसे बात करने के लिए सर तक नहीं उठाता। छठे वेतनमान के मद्देनज़र हमारा वेतन निर्धारण होना था। उसके लिए उसने दो बार घूस लिया हमारी मज़बूरी कि दिये। अब उसका एरियर पास होना है नहीं तो आगामी सत्र के लिए लटक जायेगा। मार्च का महीना है, फरवरी का वेतन भी पास होना है यदि इस महीने में नहीं पास हुआ तो मई तक जाकर मिल पायेगा। हमारी मज़बूरी उसकी चांदी हो गयी। हर क़दम पर वह पैसा मांग रहा है वह भी जबरन। न दें तो तीन महीने घर का ख़र्च कैसे चले। हम लोगों की ऊपरी कमायी कुछ है नहीं। क्या करें? हमने सोचा कि बहुत सारे ब्लॉगर भाई हैं जो भ्रष्टाचार पर इतना कुछ लिख मारे कि सैकड़ों पुस्तकें तैयार हो सकती हैं, बहुत सारे पत्रकार बन्धु भी ब्लॉग से जुड़े हैं जो इस मामले में हमारी मदद कर सकते हैं या अनेक अधिकारी वर्ग भी हमारी ज़मात में हैं जिनसे हम सहायता की अपील कर सकते हैं तो भला बताइए कोई है हमारे साथ हमारी मदद करने को तैयार? वह बाबू खुलेआम पैसा लेता है। उसके पास यदि आप एक घंटे खड़े हो जाइये तब तक कईयों से वह पैसा आपके सामने ही ले चुका होगा वह ढीठ। उसका स्टिंग ऑप्रेशन भी हो सकता है पर कोई सक्षम, हिम्मती, दिलदार तैयार हो यह सब करने को तब न नहीं तो भ्रष्टाचार के विरोध में केवल कहने और लिखने से कुछ नहीं होने वाला। अगर आप सदाचारी बुद्धिजीवी हमारे साथ हैं तो हम इस भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं वर्ना मज़बूर हैं कि उसे उसका मनमानी घूस दें, अपना वेतन पास करायें और भ्रष्टाचार को मज़बूत बनायें। हम अपने परम सहयोगी, तेज़तर्रार पत्रकार बन्धु महेन्द्र श्रीवास्तव से विशेष आशा रखते हैं और जो भी कोई सदाचारी, जागरूक हमारा सहयोग करने को तैयार हों वे हमसे सम्पर्क कर सकते हैं फोन नं. 09532871044 तथा ईमेल- cm07589@gmail.com पर। हमें आपके मानसिक और भौतिक सहयोग की महती आवश्यकता है। जागरण जंक्शन मंच के माध्यम से ऐसी विकट समस्याओं के ज़ानिब हम ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं अपने युवा और तेज़ मुख्यमन्त्री श्रीमान् अखिलेश यादव जी का भी।
-ग़ाफ़िल

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